किसी व्यक्ति की कुंडली में अनेको प्रकार के योग बनते है इनमे से कुछ बहुत अच्छे और शुभ होते है व् कुछ योग वैदिक ज्योतिष में अच्छा नहीं माना जाता है। यहाँ आपकी कुंडली में बन रहे महत्वपूर्ण योगो की जानकारी व् योगफल एक ही जगह सरलता से उपलब्ध करते है। अपने कुंडली के विभिन्न योगो की रिपोर्ट के लिए आपकी जन्म तिथि आवश्यक है। myastro.online पर यहाँ आप केवल एक क्लिक के माध्यम से अपनी कुंडली में उपस्थित योगो को आसानी से प्राप्त कर सकते है जैसे :- धन योग, महापुरुष योग, नभाषा योग, राजयोग, परिवर्तन योग, संन्यास योग और भी कई प्रकार के योग आप यहाँ से प्राप्त कर सकते है। हमने ज्योतिष के अनेक योग व् उनके फलकथन को एक ही जगह समाहित करने करने का भरसक प्रयास किया है और आगे भी करते रहेंगे। व्यक्ति को अपनी कुंडली में राजयोग है या नहीं इसकी प्रबल इच्छा होती है।
कुंडली योगो को एक स्थान पर ही समाविष्ट किया गया है। आप केवल अपनी जन्म तिथि डालकर कुछ प्रमुख योगो की जानकारी प्राप्त कर सकते है आये जाने कुछ प्रमुख कुंडली योग जो आप योग रिपोर्ट में निःशुल्क प्राप्त करेंगे। आगे चलकर अन्य आंकलन को जोड़ने की आशा है।
हम यहाँ कुछ कुंडली योगो को आपके समक्ष रख रहे है जिनकी व् साथ में अन्य योग विश्लेषण आप यहाँ प्राप्त करेगें।
नाभास योग: नाभास योग महत्वपूर्ण माने जाते है बिना नाभास योगो का अध्ययन किये कुंडली विश्लेषण पूर्ण नहीं होता है। नाभास योग ३२ प्रकार के होते है जिन्हे ४ भागो में बाटा गया है। इनमें 3 आश्रय योग, 2 दल योग, 20 आकृति योग और 7 सांख्य योग शामिल हैं। नाभास योग की गणना ७ ग्रहो के आधार पर की जाती है क्योकि राहु और केतु छाया ग्रह है व् आकाशीय बिन्दु नहीं है। नाभास एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ "आकाशीय" होता है अतः व्यक्ति के जन्म के समय खगोलीय क्षेत्र में ७ ग्रह एक विशेष आकृति में उपस्थित होते है उन्ही में आधार पर नाभास योग का नाम तय किया जाता है। नभास योग राशि स्वामी, ग्रहो की युति, दृष्टि आदि पर निर्भर नहीं होते है। नाभासा योग का प्रभाव व्यक्ति के पूरे जीवन महसूस होता है केवल ग्रह दशा या अंतरदशाओ तक सीमित नहीं रहता है इससे व्यक्ति के स्वभाव, दिलचस्पी, जीवन के उतार-चढाव, उसके मजबूत व् कमजोर क्षेत्र, आर्थिक उन्नति आदि की भविष्यवाणी की जाती है।
संन्यास योग: संन्यास योग कुछ ही विशिष्ट कुण्डलियों में देखने को मिलता है। संन्यास योग में व्यक्ति का झुकाव अध्यात्म की ओर प्रबल होता है वह भौतिक सुखों से ऊपर उठकर सोचता है और परमात्मा में अपना ध्यान केंद्रित रखता है। यह एक शुभ योग है। यदि यह योग प्रबल है तो व्यक्ति पारिवारिक रूप से अपना जीवन व्यतीत नहीं कर पाता व् एक महान दार्शनिक होता है जो समाज को सही रास्ता दिखाने की छमता रखता है। ये व्यक्ति एकांत पसंद करते हैं और इनके जीवन में आत्म शांति प्राथमिक होती है। व्यक्ति तर्कसंगत तर्क के साथ, गहरा दार्शनिक, स्पष्ट और बेझिझक सोच रखने वाला होता है। व्यक्ति अनिवार्य रूप से गहरा धार्मिक न हो , लेकिन परिवार, समाज और संसारिक सुख से अलग सच्चाई पाने वाला होता है।
परिवर्तन योग: जब दो ग्रह एक दूसरे की राशि में बैठे हो तो दोनों ग्रहों के बीच राशि परिवर्तन होना परिवर्तन योग कहलाता है। ज्योतिष में ग्रहो के आपस में राशि परिवर्तन द्वारा बना सम्बन्ध सबसे घनिष्ठ माना जाता है। ग्रहो की यह आपसी संधि केवल दो ग्रहो तक ही सीमित नहीं होती बल्कि दोनों भाव जिनमे वे बैठे है उनमे भी मजबूत सम्बन्ध स्थापित करती है। परिवर्तन योग में दोनों ग्रह व् भाव मिलकर फल प्रदान करते है। परिवर्तन योग को एक सकारात्मक और लाभकारी योग कहते है इसके तीन प्रकार है। महा परिवर्तन योग, दैन्य परिवर्तन योग तथा खल परिवर्तन योग परन्तु परिवर्तन योग बनाने वाले ग्रह, भाव आदि के विश्लेषण के पश्चात ही सकारात्मक या नकारात्मक फल का सही निर्णय किया जा सकता है।
महापुरुष योग: महापुरुष योग एक प्रख्यात योग है। महापुरुष योग में जन्म लेने वाले व्यक्ति मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ अपने जीवन में सफल होते है व् प्रतिभा या करियर के क्षेत्र में वे दुसरो की अपेक्षा अच्छा करते है। महापुरुष योग पांच प्रकार के होते है और इनके कारक ग्रह पांच है अतः ये पञ्च महापुरुष योग से भी विख्यात है। 1. हंस योग जिसका कारक ग्रह बृहस्पति है 2. मालव्य योग जिसका कारक ग्रह शुक्र है 3. बद्र योग जिसका कारक ग्रह बुध है 4. रूचक योग जिसका कारक ग्रह मंगल है 5. शश योग जिसका कारक ग्रह शनि है।
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