पितृ दोष हमारे पूर्वजो द्वारा किये बुरे कर्मो का पितृ ऋण है। जो हमारी कुंडली में पितृ दोष के रूप में बनता है। आप हमारे कैलकुलेटर से जन्मतिथि से इसे चेक कर सकते है। कुंडली में यह कैसे बनता है आइये देखते है। इसके लिए सूर्य ग्रह महत्वपूर्ण ग्रह है क्योकि सूर्य पिता का कारक है। यदि सूर्य ग्रह, नवम भाव या नवमेश हमारी कुंडली में उपस्थित पाप ग्रहो से पीड़ित होने पर जातक की कुंडली में निर्माण होता है। आपके जीवन पर यह क्या प्रभाव देगा वह दूसरे ग्रहो की स्थिति और ज्योतिष द्वारा गहन विश्लेषण के बाद पता लगता है। व्यक्ति द्वारा जीवन में अच्छे कर्मो के द्वारा पितृ ऋण से मुक्ति या कम किया जा सकता है। आप लक्षण स्वयं भी पहचान सकते है।
पितृ दोष के कुछ कारण इस प्रकार भी हो सकते है। यदि पूर्वजो द्वारा अपने पितरो का श्राद्ध संस्कार आदि न किया हो जिस कारण यह बन सकता है यदि हमे पितरो द्वारा किसी व्यक्ति और जीव को पडताडित किया हो जो की कुंडली में पितृ दोष के रूप में आ सकता है। पितरो द्वारा अपने ही माता, पिता का मन दुखाना या उनके साथ दूरव्यवहार करे से भी आने वाली पीढ़ी में पितृ ऋण होता है। इसी प्रकार बहुत सारे कारण हो सकते है जिन्हे जातक अपने अच्छे कर्मो से अपने और अपने पूर्वजो की पीड़ा को दूर कर सकता है। इसके प्रभाव व्यक्ति को स्वयं ही उसके जीवन में होने वाली चीज़ो से पता लग जाते है।
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