ग्रह आकाश मंडल में सदैव गतिमान रहते है व् राशियों में गोचर करते है। किसी ग्रह के राशि परिवर्तन को उस ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर होना कहलाता है। ग्रहो के गोचर के कारण जन्म कुंडली में ग्रहो की स्थिति बदलती रहती है अतः आज के गोचर की जानकारी से किसी व्यक्ति की वर्तमान सटीक भविष्यावाणी कर सकते है। आप अपनी जन्म तिथि से गोचर कुंडली फ्री बना सकते है और गोचरफल रिपोर्ट भी प्राप्त कर सकते है। सभी ग्रहों की चाल भिन्न होती है और नवग्रह को 12 राशियों का पूर्ण चक्कर लगने में अलग-अलग समय लगता है जिस कारण सभी अपना गोचर समयकाल होता है। अपना आज का गोचर चार्ट बनाये।
आकाश मंडल में ग्रह गतिशील अवस्था में विद्यमान है। ग्रहो का एक चक्कर ३६० डिग्री का होता है वैदिक ज्योतिष में आकाशीय मंडल को 12 भागो में बराबर बांटा है जोकि 12 राशियाँ है। प्रत्येक राशि 30 डिग्री की होती है। ग्रह किसी राशि में 0 डिग्री से 30 डिग्री तक गोचर करते हुए अगली राशि में प्रवेश करते है। शनि ग्रह किसी राशि में सबसे धीमी गति से गोचर करते है। शनि को एक राशि पार करने में लगभग 2.5 साल का समय लगता है व् एक चक्कर पूर्ण करने में 30 साल लगते है इसी प्रकार चँद्रमा सबसे तेज़ गति से पूर्ण राशिचक्र को केवल सवा दो दिन में पूरा करते है। मंगल का एक चक्कर 57 दिन, गुरु का 1 वर्ष, राहु,केतु डेढ वर्ष व् सूर्य, शुक्र, बुध का भ्रमण काल लगभग 1 माह का होता है। ग्रहो के निरंतर गोचर से हमारे जीवन बदलता रहता है यदि ग्रह दशा और गोचर की जानकारी का विश्लषण सटीक कर लिया जाये तो जीवन में भविष्य की आने वाली हलचलों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। कुंडली के भाव में ग्रह का गोचर उस भाव का प्रभाव बढ़ा देता है गोचर कुंडली से ग्रह की शुभ और अशुभ फल देने का अनुमान लगाते है। यदि कोई ग्रह जन्म कुंडली की अपनी ही राशि में गोचर करने पर अपने द्वारा प्रदान किये जाने वाले फल को बढ़ा देता है। दशा और गोचर देखकर ही सही फलकथन किया जाता है।
गोचर देखने के लिए आप हमारे उपरोक्त गोचर कैलकुलेटर में अपनी जन्मतिथि भरकर केवल एक क्लिक में गोचर चार्ट आदि प्राप्त कर सकते है। यदि आपको स्वयं आज का गोचर निकालना है तो सर्वप्रथम अपनी चंद्र राशि को लग्न मानकर सभी भावो में राशि उसी प्रकार लिख ले। उदहारण के लिए यदि आपका चंद्र लग्न मीन है तो प्रथम भाव में 12 द्वितीय भाव में 1 इसी प्रकार अंकित करे। अब आज का नवग्रहों का गोचर स्थिति प्राप्त करके जो ग्रह जिस राशि में गोचर कर रहा है उसे गोचर चार्ट में उसी राशि में अंकित कर दे।
ग्रह | गोचरफल |
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सूर्य गोचर प्रभाव | गोचर सूर्य आपकी चंद्र राशि से 1,2,4,8,9,12 भावों में होगा तो जातक को मेहनत के अनुसार परिणाम प्राप्त नहीं होंगे,, व्यक्ति को आँखों की समस्या,पेट व् सिर में दर्द, खुजली, ज्वर आदि की शिकायत रहती है। यदि गोचर सूर्य जन्म राशि से 5 भाव में है तो बुरा फल प्रदान करता है जातक को जीवन का भय, जेल जाने का डर, मुकदमो में हार, बीमारी और खर्चा आदि होता है। इसी प्रकार सूर्य गोचर 3,6,10,11 भावों में होने से जातक का जीवन आरामदायक और स्वास्थ्यपूर्ण होगा। व्यापार में सफलता मिलती है और नौकरी पेशा वालो के प्रमोशन चांस मिलते है। जातक कई मार्गो से धन अर्जित करता है। |
चंद्रमा गोचर प्रभाव | गोचर चंद्रमा यदि जन्म चंद्रमा से 2,4,5,12 भावों में उपस्थित हो तो व्यक्ति के कार्यो में बाधा आती है, समाज में प्रतिष्ठा कम हो सकती है व् जातक को दुःख व् बीमारी का सामना करना पडता है। यदि गोचर चंद्रमा 1,3,6,7,10,11 भाव में हो तो व्यक्ति को बीमारियों से राहत मिलती है अच्छे भोजन के साथ सुख सुविधाएं प्राप्त होती है। धन वृद्धि और घर की संपूर्ण जरूरते पूरी होगी। 8 भाव का गोचर चंद्रमा बुरा फल देता है क्योकि चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना है अतः यह व्यक्ति के मस्तिष्क और मन को सबसे अधिक प्रभावित करेगा। |
मंगल गोचर प्रभाव | गोचर मंगल 1,2,3,5,7,8,9,10,12 भावो मे अच्छा फल प्रदान नहीं करता खासकर 7 वे भाव में मंगल का गोचर अधिक बुरा फल देता है। 3,6 और 11 वे भाव में मंगल गोचर जीवन में खुशियाँ, धन-धान्य के साथ आरामदायक जीवन का फल प्रदान करता है। |
बुध गोचर प्रभाव | जन्म राशि से 6,8,10 और 11 भावो में बुध का गोचर होना अच्छे रिजल्ट देता है बाकि सभी स्थानो में सही फल प्रदान नहीं करता |
गुरु गोचर प्रभाव | गोचरस्थ गुरु 2,5,7,9 और 11 वे भाव में अच्छे माने गए है। |
शुक्र गोचर प्रभाव | गोचर का शुक्र आपकी गोचर कुंडली में 7वे या 10वे होने पर जातक को जीवन में कठिनाईयो का सामना करना पड़ता है। बेवजह दुश्मन बनने लगते है, पत्नी का स्वस्थ्य सही नहीं रहता, स्वादिष्ट भोजन, प्रतिष्ठा और अंतरंग सुख में कमी होती है। गोचर शुक्र 1,2,3,4,5,8,9,11 वे भाव में होने पर व्यक्ति का मन, जीवन, स्वास्थ्य और जीवन साथी का साथ आदि सब सुखमय हो जाता है। हर तरह की सुख सुविधा का लाभ प्राप्त होता है। गोचर शुक्र 6 वे भाव में अच्छा परिणाम नहीं देता। |
शनि गोचर प्रभाव | गोचर शनि केवल सामान्यतः 3,6,9 और 11 भाव में अच्छे परिणाम देते है और अन्य भावों के परिणाम प्रायः मिले-जुले होते है। |
राहु व् केतु गोचर प्रभाव | राहु और केतु गोचर यदि जन्म कुंडली के चँद्रमा से 3,6,11 वे स्थान में शुभ परिणाम देते है जबकि अन्य भावों में अशुभ होते है। |
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